खिचड़ी- भारतीय, आयुर्वेदिक सभ्यता के अनुसार यदि हम सुपाच्य आहार का सेवन करते हैं तो शरीर निरोग रहता है। शरीर तभी व्याधि-ग्रस्त होता है जब वह हमारे निरंतर भोजन ग्रहण करने के अभ्यास से आहार का पाचन कठिन हो जाता है। स्वास्थ्य-दायक, सुपाच्य व सात्विक आहार का सेवन हमारे पेट व आंतों को तंदुरुस्त रखता है।
” जैसा खाये अन्न,
वैसा बने मन व तन “
इस विधि से बनी खिचड़ी-
- रोगी के लिए अत्यंत लाभदायक है,
- स्वास्थ्यवर्धक है,
- सुपाच्य है,
- स्वादिष्ट है,
- बलदायक है,
- पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर है, व
- रोग के कारण हुई अरुचि को नष्ट करने वाली है।
कितने लोगों के लिए- 4
समय- 30-35 मिनट
- पूर्व तैयारियों का समय – 10 मिनट
- पकाने का समय – 20-25 मिनट
सामग्री-
- 2 चम्मच घी
- मसाले
- 1-2 चुटकी हींग
- 1 चम्मच जीरा
- 1/2 चम्मच हल्दी
- 1 हरी मिर्च या काली मिर्च पाउडर या दोनों
- सैंधा नमक या कला नमक या दोनों – स्वाद अनुसार
- 3/4 कटोरी चावल
- 1/4 कटोरी मूंग धूलि दाल
- सब्ज़ियाँ
- 1/2 कटोरी लौकी – Grated
- 1/2 कटोरी परवल- Grated
- 1/2 कटोरी कच्चा पपीता- Grated
- 3 कटोरी गर्म पानी
विधि – सात्विक खिचड़ी बनाने की विधि
- मूंग दाल व चावल को अच्छे से धो कर मिनट के लिए भिगो कर रख दें। अतिरिक्त पानी निकल दें ।
- प्रेशर कुकर में घी गरम कर लीजिये।
- धीमी आंच पर हींग व जीरे का छौंक लगा लीजिये। अब हल्दी मिला दीजिये।
- बारीक कटी हुई सब्ज़ियाँ, नमक, हरी मिर्च / काली मिर्च मिला कर 2-3 मिनट तक भूनिये।
- अब धुले हुए दाल और चावल डाल दें। 2-3 मिनट तक भूनें।
- गर्म पानी मिलाएँ। कुकर का ढक्कन बंद करके खिचड़ी को तेज़ आंच पर एक सीटी आने तक पकने दें।
- 15 मिनट तक आंच धीमी रखें।
- धनिया पत्ती ऊपर से डालकर सजाएँ।
आपकी गरमा गर्म स्वादिष्ट खिचड़ी प्रेम, व कृतज्ञता से परोसने को तैयार है ।
आयुर्वेद के अनुसार चावल लघु आहार है और मूंग दाल में त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को शमन करने के गुण हैं, और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। चावल और दाल के इस मिश्रण से आसानी से बुझी हुई जठराग्नि दीप्त हो जाता है और रोग के कारण अरुचि भी नष्ट होती है।
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Check it out.
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General Fever,
COVID-19.
Let’s make something together.
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